रविवार, 2 सितंबर 2012

अविनाश वाचस्‍पति को ‘प्रगतिशील ब्‍लॉग लेखक संघ चिट्ठाकारिता शिखर सम्‍मान’ से नवाजा गया




लखनऊ। नवाबों की नगरी और उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते सप्‍ताह चर्चित व्‍यंग्‍यकार,स्‍तंभ लेखकन्‍यू मीडिया विशेषज्ञ और मशहूर हिन्‍दी ब्‍लॉगर अविनाश वाचस्‍पति की व्‍यंग्‍य कृतिव्‍यंग्‍य का शून्‍यकाल’ का सजिल्‍द संस्‍करण ब्‍लॉगार्पित किया गया। ब्‍लॉगार्पित इस मायने में कहा जा रहा है क्‍योंकि पुस्‍तक अर्पण का यह समारोह अंतरराष्‍ट्रीय हिन्‍दी ब्‍लॉगर सम्‍मेलन सूचना का उल्‍लेखनीय हिस्‍सा रहा।  इस अवसर पर अविनाश वाचस्‍पति को उनकी पिछले वर्ष प्रकाशित न्‍यू मीडिया पर हिन्‍दी की पहली प्रामाणिक पुस्‍तक हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग : अभिव्‍यक्ति की नई क्रांति’ के लिए प्रगतिशील ब्‍लॉग लेखक संघ चिट्ठाकारिता शिखर सम्‍मान’ से भी नवाजा गया। हिन्‍दी ब्‍लॉगरों के भव्‍य अंतरराष्‍ट्रीय आयोजन में पुस्‍तक का लोकार्पण वरिष्‍ठ साहित्‍यकार उद्भ्रांत,कथाक्रम के संपादक शैलेन्‍द्र सागरडॉ. सुभाष रायडॉ् अरविन्‍द मिश्राव्‍यंग्‍यकार गिरीश पंकज,रवीन्‍द्र प्रभातसुश्री शिखा वार्ष्‍णेयडॉ. हरीश अरोड़ा के सुखद सान्निध्‍य में संपन्‍न हुआ।  

इस संबंध में उल्‍लेखनीय है कि फरवरी 2012 में विश्‍व पुस्‍तक मेले के अवसर पर प्रख्‍यात साहित्‍यकार एवं व्‍यंग्‍यकार डॉ. शेरजंग गर्ग द्वारा लोकार्पित व्‍यंग्‍य का शून्‍यकाल’ का पैपरबैक संस्‍करण प्रकाशित होकर चर्चित हो चुका है और अब अनुपलब्‍ध है। इस अवसर पर उन्‍होंने सबका आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि सरकार को न्‍यू मीडिया सेंसर करने की जरूरत नहीं है अपितु इंटरनेट पर कोई भी खाता खोलने के लिए कोई भी सरकारी पहचान पत्र की अनिवार्यता लागू कर देनी चाहिए।

अंतर्जाल पर हिन्‍दी के लिए किया गया उनका कार्य किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अविनाश जी साहित्य शिल्पी से भी लम्बे समय से जुडे हुए हैं इसके अलावा सामूहिक वेबसाइट नुक्‍कड़ (http://nukkadh.blogspot.com) के मॉडरेटर हैं, जिससे विश्‍वभर के एक सौ प्रतिष्ठित हिन्‍दी लेखक जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्‍त उनके ब्‍लॉग पिताजी, बगीची, झकाझक टाइम्‍स, तेताला अंतर्जाल जगत में अपनी विशिष्‍ट पहचान रखते हैं। उन्‍हें देश भर में नेशनल और इंटरनेशनल ब्‍लॉगर सम्‍मेलन आयोजन कराने का श्रेय दिया जाता है। मुंबई, दिल्‍ली, जयपुर, आगरा इत्‍यादि शहरों में कराए गए उनके आयोजन अविस्‍मरणीय और हिन्‍दी के प्रचार/प्रसार में सहायक बने हैं। इंटरनेट पर हिन्‍दी के उनके निस्‍वार्थ सेवाभाव के कारण विश्‍वभर में उनके करोड़ों प्रशंसक मौजूद हैं।

भारतीय जन संचार संस्थान से 'संचार परिचय', तथा ‘हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण लिया है। व्यंग्यकविता एवं फ़िल्म लेखन उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। सैंकड़ों पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। जिनमें नवभारत टाइम्,हिन्दुस्तानजनसत्ताभास्करनई दुनियाराष्ट्रीय सहाराअमर उजाला,सन्‍मार्ग, हरिभूमिअहा जिंदगीस्क्रीनवर्ल्मिलाप,वीर अर्जुनडीएलए, दैनिक नवभारत,  साप्ताहिक हिन्दुस्तान, व्यंग्य यात्रा, आई नैक्स्गगनांचल इत्यादि और जयपुर की अहा जिंदगी मासिक उल्‍लेखनीय हैं। सोपानस्‍टेप मासिक और डीएलए दैनिक में नियमित रूप से व्‍यंग्‍य स्‍तंभ लिख रहेहैं। वर्ष 2008, 2009 औरवर्ष 2010 में यमुनानगरहरियाणा मे आयोजित हरियाणा अंतरराष्ट्री फिल् समारोहों में फिल्‍मोत्‍सव समाचार का तकनीकी संपादन किया है।
हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों 'गुलाबो', 'छोटी सालीऔर 'ज़रजोरू और ज़मीनमें प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म 'ज्योति संकल्पमें सहायक निर्देशन किया है राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में से एक। सामयिक साहित्यकार संगठनदिल्ली तथा साहित्य कला भारतीदिल्ली में उपाध्यक्ष। केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के आजीवन सदस्‍य। 'साहित्यालंकार' , 'साहित्य दीप' उपाधियों और राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान' तथा कविता शिल्‍पी पुरस्‍कार से सम्मानित। 'शहर में हैं सभी अंधे' स्‍वरचित काव्‍य रचनाओं का संकलन। काव्य संकलन 'तेतालातथा 'नवें दशक के प्रगतिशील कवि कविता संकलन का संपादन किया है। हिन्‍दी चिट्ठाकारी पर डॉ. हरीश अरोड़ा के साथ ब्‍लॉग विमर्श’ नामक पुस्‍तक संपादित। सिनेमाई साक्षात्‍कार’ पुस्‍तक की तैयारी और फेसबुक महिमा’ पुस्‍तक के लेखन में व्‍यस्‍त।
उन्‍हें वर्ष 2009 के लिए हास्-व्यंग् श्रेणी में संवाद सम्‍मान भी दिया जा चुका है। ‘हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन एवं  परिकल्पना के वर्ष के ‘सर्वोत्तम त्‍त्‍म व्‍यंग्‍यकार ’। उत्‍तर भारतीय समाज एज्‍यूकेशनल एंड रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूटमुंबई से हिन्‍दी ब्‍लॉग भूषण’ सम्‍मान। भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय’ से हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मान

प्रस्‍तुति : संतोष त्रिवेदी
जे ३/७८ ए एफ.एफ. खिड़की एक्स.
मालवीयनगर,नई दिल्ली-१७
 9818010808

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