अक्सर होती है बारिश,घर जलने के बाद.
दवा आती है दर पर,रूह निकलने के बाद.
दर्द दूसरों का दिखने में लगता है आसान,
पर एहसास होता है काँटों पर चलने के बाद.
प्यार उनका जताना,कहा तक है मुनासिब.
दिल को फूलों के माफिक मसलने के बाद.
गर निभाओ तो रिश्ते कभी मरते नहीं है,
बस रुसवा होते है मतलब में ढलने के बाद.
"नूरैन",ठोकरों से निगाहें चुराना ना हरगिज,
इन्सान संभालता है खुद को,फिसलने के बाद.
दर्द दूसरों का दिखने में लगता है आसान,
पर एहसास होता है काँटों पर चलने के बाद.
प्यार उनका जताना,कहा तक है मुनासिब.
दिल को फूलों के माफिक मसलने के बाद.
गर निभाओ तो रिश्ते कभी मरते नहीं है,
बस रुसवा होते है मतलब में ढलने के बाद.
"नूरैन",ठोकरों से निगाहें चुराना ना हरगिज,
इन्सान संभालता है खुद को,फिसलने के बाद.
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